जाने क्या मरहले दिल को दिखला रहे हैं हम
तुम्हारे दिए हुए तोते से दिल बहला रहे हैं हम
(मरहले - stage )
मज़ा क्या है बेतकल्लुफ़ी का , क्या बतलाएँ
इश्क़ में कैसे बद-नीयत होते जा रहे हैं हम
कल रात देखा ख़्वाब , असल में , थी दिलजोई
कि तेरे सीने से लग के शेर बुने जा रहे हैं हम
(दिलजोई - solacing)
जो यहाँ दिखता है , दिखता होगा तेरे सर भी
चाँद की वहीद क़िस्मत पे जल भुने जा रहे हैं हम
(वहीद - unique , exclusive )
किसने देखी दूसरी दुनिया , सभी वाहिमे हैं
सो इसी दुनिया में कुछ उसूल तोड़े जा रहे हैं हम
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