नाज़-ओ-नज़ाकत का शहर ..
जानी पहचानी लगती ये पहर
किसी के कदमों की आहट की है ताल
कोई दिल का हिस्सा है बेहाल
"हम" "आप" , "मान जाइये" , "आप बताइये"
लहज़ों की मिठास , कैसे भुलाइये !
गोमती की लहरें , धागों की कढ़ाई ..
धागों से जुड़े दिल , फिर कैसी है लड़ाई !
लिबास है सादा , जूती है जड़ाऊ
इश्क़ की तासीर सा , शहर है लखनऊ ❤️
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