कुछ मसले तुझसे कहने के
कुछ मसले बस चुप रहने के ।
कुछ मसले पल भर की मुस्कान
कुछ मसले बस जैसे पहचान ।
कुछ मसले उम्मीदों के घर
कुछ मसले मायुसी के मंज़र ।
कुछ मसले इंतज़ार की आड़
कुछ मसले हैं नखरों की बाढ़ ।
कुछ मसले पानी का ज़र्रा
कुछ मसले आसमान गहरा ।
कुछ मसले लत्ते कपड़े की फ़िक्र
कुछ मसले हैं बंगलों का ज़िक्र ।
कुछ मसले आंखों का पानी
कुछ मसले हँसी है रूमानी ।
कुछ मसले नज़दीकी के घर
कुछ मसले दूरी के क़हर ।
कुछ मसले "उसकी" टेढ़ी नज़र
कुछ मसले हालातों के सर ।
कुछ मसले हैं हल के नज़दीक
कुछ मसले माँगे खात्मे की भीख ।
कुछ मसले आंखों की ज़ुबान
कुछ मसले माँगे खुद का बखान ।
कुछ मसले परिन्दों की वापसी
कुछ मसले विदेश की छाप सी ।
कुछ मसले खोजें कॉफ़ी की मेज़
कुछ मसले वक्त से भी तेज़ ।
कुछ मसले तेरी राह ताकते
कुछ मसले बस एक बोल को झांकते ।
कुछ मसले बिन कहे भी समझो
कुछ मसले.. अबके न जल के बुझो । ।
कुछ मसले बस चुप रहने के ।
कुछ मसले पल भर की मुस्कान
कुछ मसले बस जैसे पहचान ।
कुछ मसले उम्मीदों के घर
कुछ मसले मायुसी के मंज़र ।
कुछ मसले इंतज़ार की आड़
कुछ मसले हैं नखरों की बाढ़ ।
कुछ मसले पानी का ज़र्रा
कुछ मसले आसमान गहरा ।
कुछ मसले लत्ते कपड़े की फ़िक्र
कुछ मसले हैं बंगलों का ज़िक्र ।
कुछ मसले आंखों का पानी
कुछ मसले हँसी है रूमानी ।
कुछ मसले नज़दीकी के घर
कुछ मसले दूरी के क़हर ।
कुछ मसले "उसकी" टेढ़ी नज़र
कुछ मसले हालातों के सर ।
कुछ मसले हैं हल के नज़दीक
कुछ मसले माँगे खात्मे की भीख ।
कुछ मसले आंखों की ज़ुबान
कुछ मसले माँगे खुद का बखान ।
कुछ मसले परिन्दों की वापसी
कुछ मसले विदेश की छाप सी ।
कुछ मसले खोजें कॉफ़ी की मेज़
कुछ मसले वक्त से भी तेज़ ।
कुछ मसले तेरी राह ताकते
कुछ मसले बस एक बोल को झांकते ।
कुछ मसले बिन कहे भी समझो
कुछ मसले.. अबके न जल के बुझो । ।
कुछ मसले तेरी राह ताकते
ReplyDeleteकुछ मसले बस एक बोल को झांकते
कुछ मसले खोजें कॉफ़ी की मेज़
I can read it over and over again. I love!!!! :) the expressions, the use of words.
Thanku for reading it :) my heart skips a bit when i get a comment like this. . . Thanku ;)
Delete