वो जैसे लगता है ना
की सर से कोई साया छिन जाए
घर का कोई बड़ा न हो तो
आँगन रौनक बिन सताए
बूढ़ी आँखों से देखी थी
जैसी दुनिया तुमने अब तक
उन किस्सों का ये चाव
मन न भूले से भुला पाए
जिसके होने से लगता हो
कोई है, तो है सब सुरक्षित
और न दिखे जो छड़ी कोने में
तो घर सूना चिल्लाए
की सर से कोई साया छिन जाए
घर का कोई बड़ा न हो तो
आँगन रौनक बिन सताए
बूढ़ी आँखों से देखी थी
जैसी दुनिया तुमने अब तक
उन किस्सों का ये चाव
मन न भूले से भुला पाए
जिसके होने से लगता हो
कोई है, तो है सब सुरक्षित
और न दिखे जो छड़ी कोने में
तो घर सूना चिल्लाए
ऐसे ही तुम थे
मेरे देश के लिए ... पिता
उन बेहद चंद दिनों में से एक
जब किस्मत अपने चरम पर थी
और मैं उनसे मिली ...
a man ... inspiration-patriotism-morality-personified! a man who lived a life above all that they call religion and community...
May his soul rest in peace
जब किस्मत अपने चरम पर थी
और मैं उनसे मिली ...
a man ... inspiration-patriotism-morality-personified! a man who lived a life above all that they call religion and community...
May his soul rest in peace
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