एक धूल छोड़ जाता है
हवा के दामन में
क्या इसके सिवा पाइए
गुज़रे जो कोई कारवाँ
कोई रात का हिस्सा होगा
कोई दिन होगा अलसाया सा
बस ये ही सामान है
संग ढ़ोता अपने कारवाँ
मासूमियत के पलने में
खेली थी तिफ़्ल सी हसरत
दिन डूबे तो दिल सा मुरझाया
उम्र सा थका है कारवाँ
कुछ बात ले के आया था
कुछ याद दे के जाएगा
आई-गई दुनिया 'औ तुमसा
रिवायतों का मारा कारवाँ
चलना ही है मक़सद यहाँ
मुस्तक़िल कुछ भी नहीं
पानी के शहर छोड़ने को
मजबूर है ये कारवाँ
कोई अदावत का ग़िला नहीं
कोई दोस्ती का सिला नहीं
एक रुकी हुई सी राह का
हमसफ़र रहा है कारवाँ
हवा के दामन में
क्या इसके सिवा पाइए
गुज़रे जो कोई कारवाँ
कोई रात का हिस्सा होगा
कोई दिन होगा अलसाया सा
बस ये ही सामान है
संग ढ़ोता अपने कारवाँ
मासूमियत के पलने में
खेली थी तिफ़्ल सी हसरत
दिन डूबे तो दिल सा मुरझाया
उम्र सा थका है कारवाँ
कुछ बात ले के आया था
कुछ याद दे के जाएगा
आई-गई दुनिया 'औ तुमसा
रिवायतों का मारा कारवाँ
चलना ही है मक़सद यहाँ
मुस्तक़िल कुछ भी नहीं
पानी के शहर छोड़ने को
मजबूर है ये कारवाँ
कोई अदावत का ग़िला नहीं
कोई दोस्ती का सिला नहीं
एक रुकी हुई सी राह का
हमसफ़र रहा है कारवाँ
No comments:
Post a Comment