Monday 7 January 2019

जाने क्या मरहले...

जाने क्या मरहले दिल को दिखला रहे हैं हम 
तुम्हारे दिए हुए तोते से दिल बहला रहे हैं हम 
(मरहले - stage ) 

मज़ा क्या है बेतकल्लुफ़ी का , क्या बतलाएँ
इश्क़ में कैसे बद-नीयत होते जा रहे हैं हम 

कल रात देखा ख़्वाब , असल में , थी दिलजोई
कि तेरे सीने से लग के शेर बुने जा रहे हैं हम 
(दिलजोई - solacing) 

जो यहाँ दिखता है , दिखता होगा तेरे सर भी 
चाँद की वहीद क़िस्मत पे जल भुने जा रहे हैं हम 
(वहीद - unique , exclusive ) 

किसने देखी दूसरी दुनिया , सभी वाहिमे हैं 

सो इसी दुनिया में कुछ उसूल तोड़े जा रहे हैं हम