Saturday 2 July 2022

लखनऊ

 नाज़-ओ-नज़ाकत का शहर .. 

जानी पहचानी लगती ये पहर 

किसी के कदमों की आहट की है ताल 

कोई दिल का हिस्सा है बेहाल 

"हम" "आप" , "मान जाइये" , "आप बताइये"

लहज़ों की मिठास , कैसे भुलाइये ! 

गोमती की लहरें , धागों की कढ़ाई .. 

धागों से जुड़े दिल , फिर कैसी है लड़ाई ! 

लिबास है सादा , जूती है जड़ाऊ 

इश्क़ की तासीर सा , शहर है लखनऊ ❤️



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