Wednesday 27 May 2015

मेरे नानी नाना

मेरी गर्मी की छुट्टियों का एक बहाना हैं वो 
एक  पूरा अनदेखा ज़माना हैं वो 
कभी किस्सों की एक लम्बी किताब 
और छोटा सा मासूम तराना हैं वो 
मेरे नानी नाना 👵👴❤️

नाक पे ऐनक का ठिकाना हैं वो 
 एक पूरी सदी का अफ़साना हैं वो 
मुँह में नकली दाँतों की खिटपिट लिए 
हर बात में किसी सीख का कह जाना हैं वो 
मेरे नानी नाना 

आज भी रेडियो-समाचार का इंतज़ार हैं वो 
सूती के हलके रंगों में बसता प्यार हैं वो 
"ये निश्चित है !" की टेक लिए 
हर बात की निश्चित्ता का अधिकार हैं वो 
मेरे नानी नाना

सर पे अनुभव के सफ़ेद साल हैं वो
चेहरे पे लकीरों के बवाल हैं वो
हाथों में छुपाए अनेकों दुआएँ
बचपन के मेरे खेलों के कमाल हैं वो
मेरे नानी नाना

मेरे बालों में तेल न डालने पर नाराज़गी हैं वो
नीम के उस पेड़ सी ताज़गी हैं वो
जब मैं एक बार बीमार हुई थी !
भगवान से लड़ जाने वाली आवारगी हैं वो
मेरे नानी नाना


कभी एक दबी सी शिकायत हैं वो 
कभी गला फाड़ती कहावत हैं वो 
बदलाव की बयार में जो ढहने लगी है 
उस पुरानी हवेली की बनावट हैं वो 
मेरे नानी नाना 


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